Wheat Farming 2023 : गेहूं की खेती करने वाले किसानों को गेहूं की फसल उत्पाद गेहूं की उन्नत किस्म के बीजों wheat variety पर निर्भर करता है, किसान जिस हिसाब से खेती में बीज का चुनाव करता है सेम उसी प्रकार उसकी खेती से उत्पाद की आंकड़ा निकाली जाती है |
अगर किसान द्वारा उन्नत किस्म की बीजों का प्रयोग किया जाता है तो प्रति हेक्टेयर 72 कुंटल गेहूं का उत्पादन प्राप्त किया जा सकता है उन्नत किस्म की बीजों की बात की जाए तो इसमें मेरे हिसाब से 5 उन्नत किस्म की बीजों के बारे में मैं आपको बताऊंगा उनके नाम निम्नलिखित है, GW 322, पूसा तेजस 8759 , wheat GW 273 , श्री राम सुपर 111 गेहूं उन्नत बीज तथा HD 4728(Pusa Malawi) एचडी 4728 (पूसा मलावी).
प्रदेशों के हिसाब से गेहूं की उन्नत किस्म की बीजों के नाम
Wheat Farming 2023 : – GW 322,गीगावॉट 322 इस प्रकार की उन्नत किस्में सबसे अधिक मध्य प्रदेश एमपी राज्यों में बोए जाती है, मध्यप्रदेश के अगल-बगल प्रदेशों को भी इसमें शामिल किया गया है जीडब्ल्यू 322 एक उन्नत किस्म की बीज है किसानों द्वारा इसे सर्वोत्तम माना जाता है |
इस गेहूं की बुवाई से लगभग 115 से 120 दिन के अंदर ही अंदर यह गेहूं की उन्नत किस्म की बीज पककर तैयार हो जाती हैं इसे कम पानी एवं कम खर्चों में भी तैयार किया जा सकता है | GW 322 बीज की प्रति हेक्टेयर 65-70 कुंतल प्रति हेक्टेयर पैदावार मानी जाती है , इस बीज की बुवाई भारत के लगभग सभी प्रदेशों में किया जाता है और इसे तीन से चार पानी की पटाई करने के बाद फसल आसानी से तैयार हो जाती है यह गेहूं की सबसे उन्नत बीज क्वालिटी में शामिल है |
श्री राम सुपर 111 गेहूं उन्नत बीज
New Wheat Farming Shri Ram Supreme 111 : – श्री राम सुपर 111 बीज की उन्नत किस्में भारत के लगभग सभी प्रदेशों में बोए जाती हैं मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, पंजाब, महाराष्ट्र, बिहार, छत्तीसगढ़ आदि प्रदेशों में इसकी किस्म की अधिक डिमांड है और किसानों द्वारा इसे इसकी नाम से दुकानों से खरीद भी लिया जाता है और इसकी बुवाई की जाती है |
श्रीराम सुपर 111 गेहूं उन्नत किस्म प्रजाति की फसल लगभग 105 दिन से 110 दिन के अंदर ही अंदर फसल पककर पूरी तरह से तैयार हो जाती है इस बीज की बुवाई अगेती में ही शुरू की जाती है जैसे कि आप इसे अन्य गेहूं बीजों से पहले वह सकते हैं एवं इसे आप एक हेक्टेयर में 70 से 72 कुंटल पैदावार प्राप्त कर सकते हैं इस गेहूं की प्रजाति का आविष्कार फर्टिलाइजर्स एंड केमिकल्स के विश्व विख्यात गेहूं वैज्ञानिक माने जाने वाले वैज्ञानिक ने किया था |
पूसा तेजस 8759
Pusa Tejas 8759 -Wheat Farming : पूसा तेजस 8759 इस उन्नत बीज की पेटेंट 2019 में विकसित की गई थी इसे जबलपुर कृषि विश्वविद्यालय में शोध अनुसंधान द्वारा तैयार किया गया था इसकी पैदावार 1 हेक्टेयर में 70 कुंटल मानी जाती है किसानों में इसकी प्रति wheat variety रूचि को देखते हुए इसे मार्केट में उतारा गया |
Pusa Tejas उन्नत किस्म की बीज को बुवाई से लगभग 110-115 दिन में ही फसल को पूर्ण रूप से तैयार कर दिया जाता है इस बीच में कम पानी पर ही अच्छी फसल उपज किया जा सकता है इसे पंजाब हरियाणा उत्तर प्रदेश बिहार राज्य में अधिक पैदावार प्राप्त किया जाता है |
गेहूं गीगावॉट 273 Wheat Farming
Wheat GW 273 : गेहूं गीगावॉट 273 इस वैरायटी को भी अधिक पैदावार की श्रेणी में रखा गया है यह लगभग बुवाई से 115 से 125 दिनों के अंदर तैयार होने वाली किसमें है , Wheat Farming इसे अगेती एवं पीछे थी दोनों मौसम में ही बोया जा सकता है इस वैरायटी में पानी की अधिकता वाली जगह पर प्रयोग किया जाता है इसमें 506 पानी की जरूरत होती है और यह फसल पैदावार में भी कम नहीं है इसकी पैदावार भी 60 से 65 क्विंटल प्रति हेक्टेयर मानी जाती है और यह नमी वाले प्रदेशों में बुवाई की जाती है |
HD 4728 (Pusa Malawi) New Wheat Farming 2023
एचडी 4728 पूसा मलावी : – इस गेहूं का पैदावार प्रति हेक्टेयर 70 से 75 कुंटल हो सकती है यह भी गेहूं की उन्नत किस्में में आती है इस गेहूं की बीज को भारत के किसी भी राज्यों में बोया जा सकता है इस वैरायटी में लगभग 3:00 से हनी चाहिए होती है यह वैरायटी 125 से 130 दिनों तक की समय लेती है और फसल पक्के तैयार होने में लगभग 3 साल ने का समय लगता है |
New Wheat Farming 2023 – महत्वपूर्ण लिंक देखें
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