Ramveer Upadhyay : हाथरस के दिग्गज नेता नहीं रहे, रामवीर उपाध्याय 14 महीने के भीतर ही कैंसर ने अपनी आगोश में ले लिया

Ramveer Upadhyay : रामवीर उपाध्याय हाथरस के जाने-माने नेताओं में बेशुमार थे राजनीति में माने तो हाथरस इन्हीं के नाम से जाना जाता था 14 महीने लगातार इलाज के दौरान Ramveer Upadhyay कैंसर ने इन्हें अपनी आगोश में ले लिया हाथरस का नाम इनके द्वारा काफी रोशन किया गया है लगभग ढाई दशक पहले राजनीति में बहुत ही सक्रिय रहा करते थे अपनी शुरुआत उन्होंने भाजपा द्वारा ही किया था |




Ramveer Upadhyay
Ramveer Upadhyay : हाथरस के दिग्गज नेता नहीं रहे, रामवीर उपाध्याय 14 महीने के भीतर ही कैंसर ने अपनी आगोश में ले लिया 3

एवं भाजपा में रहते हुए भी राजनीति को हमेशा के लिए अलविदा कह गए हैं हालांकि इनकी मौत की खबर राजनीति जगत में एक चर्चा का विषय बना बात करें तो तीन-चार हाथरस अलीगढ़ जनपद एक ही हिस्सा हुआ करता था, जिनमें अलग-अलग बिरादर अनेकों नेता अपने वर्चस्व कायम करने की ओर बढ़ चुके थे उन दिनों में हाथरस के ब्राह्मण समाज की बहुत मजबूत नेता के तौर पर Ramveer Upadhyay अपनी पकड़ को कायम रखा,

रामवीर उपाध्याय का घर मुरसान ब्लाक के गांव बामौली मैं उपस्थित था Ramveer Upadhyay राजनीति में अपने कैरियर को आजमाने के लिए उन्होंने अपने मन को स्थगित कर चुके थे वर्ष 1989 के दशक में हाथरस के राजनीति दबदबा कायम करने के लिए रामबीर ने गाजियाबाद और छात्रों से राजनीतिक कैरियर की शुरूआत की हाथरस की लेबर कॉलोनी में रह कर राम मंदिर लहर के दौरान भाजपा के रथ पर सवार हुए थे, इसी बीच पिंकी संघ में अच्छी पकड़ बन गए और अपने गांव के ओटीसी कैंप लगाकर आर एस एस की प्रचार प्रसार करना शुरू कर दिया है |

समय बीतता गया 1993 में भाजपा द्वारा उन्हें प्रत्याशी ने बनाए जाने के दौरान उन्होंने पार्टी से बगावत कर दी ब्राह्मणों की एकजुटता करने में उन्हें थोड़ी कठिनाइयों का सामना करना पड़ा लेकिन आगे चलकर निर्दलीय चुनाव लड़ने की फैसला लिया है हालांकि राम मंदिर की लहर में भाजपा की जीत हुई लेकिन Ramveer Upadhyay चुनाव हारने के बाद उन्हें राजनीति में कुछ अच्छी पकड़ की समझदारी हुई मुलायम सिंह यादव की पार्टी में वर्चस्व कायम करने की कोशिश की हालांकि सफल नहीं हो पाए सपा में विरोध के चलते 1996 की शुरुआत में रामवीर बसपा के हाथी पर सवार हो, गए हाथरस सदर विधानसभा क्षेत्र से आगे चलकर उन्होंने विधायक भी बना,




Ramveer Upadhyay – जिला पंचायत अध्यक्ष भी बने

हाल ही में हुए जिला पंचायत चुनाव में 3 जुलाई 2021 को अध्यक्ष के चुनाव में रामवीर उपाध्याय की पत्नी सीमा उपाध्याय भाजपा की प्रत्याशी के तौर पर बुधवार थी वही उनके सामने प्रदीप चौधरी गुड्डू की पत्नी थी विपक्ष में एक-एक वोट की कशमकश के बावजूद चुनाव के बीच रामवीर उपाध्याय की जीत हुई उसी चुनाव के दौरान उनकी तबीयत खराब है कलेक्टर परिषद में राम उद्दीन की तबीयत अचानक बिगड़ गई उसके बीच ही वह समाज में लोगों के बीच आ नहीं पाते थे |

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