Rishi Panchami 2024 : ऋषि पंचमी व्रत कथा -ऋषि पंचमी व्रत का जीवन में क्या है महत्व

Rishi Panchami 2024 : ऋषि पंचमी का त्यौहार हिंदू पंचांग से माने तो भाद्रपद महीने के शुक्ल पक्ष पंचमी को मनाया जाता है| यह त्यौहार भारत के लगभग सभी क्षेत्रों में गणेश चतुर्दशी के अगले दिन मनाया जाता है, इस त्यौहार की मान्यता यह है, कि जो इस व्रत को करता है उस व्रत द्वारा उस व्यक्ति का जाने अनजाने में जो भी किया हुआ पाप है, वह सारी पाप कठित हो जाती है इस त्यौहार में सप्त ऋषि यों के प्रति श्रद्धा भाव अर्पण किया जाता है|




Rishi Panchami 2022
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Rishi Panchami | ऋषि पंचमी व्रत कथा

Rishi Panchami 2024 : बहुत पहले की बात है एक नगर में एक ब्राम्हण अपनी पत्नी के साथ रहा करता था उसकी पत्नी ने 1 दिन ऋषि यों को भोजन के लिए आमंत्रण दिया लेकिन उसी दिन वह रजस्वला हो गई उसने सोचा अब वह क्या करें वह तो ब्राह्मणों को भोजन के लिए आमंत्रित कर दिया है |

इसलिए वह अपने पड़ोसन के पास गई और उससे पूछा मैं क्या करूं मैंने तो ऋषि मुनि को भोजन के लिए आमंत्रण किया है और आज ही मैं रजस्वला हो गई पड़ोसन ने कहा तू ऐसा कर 7 बार नहा ले और 7 बार कपड़ा बदल ले और तू पकवान बना ले ब्राह्मणी ने पड़ोसन द्वारा बताई हुई बात के हिसाब से वैसे ही किया उसके बाद ऋषि मुनि ने उसके घर भोजन के लिए आमंत्रण हुए हैं

और भोजन करते वक्त ऋषि-मुनियों ने अपने दिव्य दृष्टि से देखा तो उन्हें अपने भोजन में कीड़े चलते हुए दिखाई दिए हैं तभी ऋषि-मुनियों ने दिव्य दृष्टि से इसका कारण जानना चाहा और उन्होंने नाराज होकर ब्राम्हण और उनकी पत्नी को श्राप दे दिया इस श्राप के कारण अगले जन्म में ब्राह्मण द्वारा गाय का जन्म पाया बैल एवं ब्राह्मण की पत्नी द्वारा कुत्तिया का जन्म पाया गया |




अगले जन्म में इनका जन्म उनके ही बेटे के घर में हुआ बेटा बहुत धार्मिक विचारधारा का था ब्राह्मण के पुत्र ने अपने माता-पिता की श्राद्ध के ही दिन ब्राह्मणों को भोजन पर बुलाया यह देख कर वह बैल और कुत्तिया आपस में बात करने लगे अपना बेटा श्राद्ध कर रहा है,

Rishi Panchami 2024

Rishi Panchami:- आज तो खीर और पूड़ी खाने को मिलेगी वही उनके पुत्र द्वारा ब्राह्मणों को भोजन कराने के लिए तरह-तरह की पान की व्यवस्था की गई ब्राह्मण की पत्नी ने खीर बनाने के लिए चूल्हे पर बर्तन को चढ़ा दी किसी काम से वह बाहर गई उसी दौरान घर में एक सांप आया और फिर मैं अपना विश् को छोड़ दिया कुत्तिया के रूप में उसकी माता द्वारा सारा चीज देखा जा रहा था उसने देखा सांप ने खीर में विश् डालते हुए उसने सोचा

यह भी सवाल आखिर ब्राह्मण खाएंगे तो मर जाएंगे और उनके बेटों को ब्रहम हत्या का पाप लगेगा इसलिए उसने अपने बेटों को इस पाप से बचाने के लिए वह खीर वाले बर्तन पर मुंह लगा दिया उसके बेटे की पत्नी ने उस कुत्तिया को ऐसा करते देख लिया उसने गुस्से में झूले से जलती हुई लकड़ी से कुत्तिया को मार दी खाना के उपरांत जो खाना बसता था | Rishi Panchami Katha, वह रोज प्रतिदिन कुत्तिया को देती थी लेकिन उस दिन क्रोध के कारण वह खाना फेकवा दी और उस कुत्तिया और बैल को खाने के लिए कुछ नहीं दिया |

और उसकी पत्नी दोबारा खाना बनाया कुत्तिया अपने पति से बोली आज मैं भूख से तड़प रही हूं वैसे तो मेरा पुत्र रोज मुझे खाने के लिए कुछ ना कुछ दे देता था लेकिन आज मुझे कुछ नहीं मिल सका मैंने तो सांप के बीच वाली बर्तन इसलिए छुआ की मेरे बेटे को ब्रहम हत्या का पाप ना लगे | Rishi Panchami katha,

इस कारण से उसकी बहू ने मुझे बहुत मारा और मुझे खाना तक नहीं दिया उसके पूर्व जन्म का पति जो बैल बना था उसने कुत्तिया से कहा तुम्हारे अगले जन्म का पाप के कारण मैं भी बैल बना हूं आज बुझा धोते-धोते मेरी कमर भी दुख रही है|

और मेरा बेटा मुझे भी खाना नहीं दिया जब बैल और कुत्तिया आपस में बात कर रहे थे तो उसके बेटे ने इन सारी बातों को सुना और इनकी दुख से बहुत दुखी हुआ उसने उसी समय उन दोनों को भरपेट खाना खिलाया और दुखी होकर वन में चला गया वन में जाकर उसने ऋषि-मुनियों से पूछा मेरे माता पिता किन कर्मों के द्वारा इस योनि में पड़े हैं और कौन से ऐसा कर्म है |

जिसे करने से मेरे माता-पिता को मुक्ति मिलेगी तब ऋषि-मुनियों द्वारा सुझाव दिया गया तुम और तुम्हारी पत्नी द्वारा ऋषि पंचमी का व्रत धारण करो और उसका फल अपने माता पिता को ऋषि मुनियों द्वारा बताया गया यह उपाय व्रत रखा सप्त ऋषि यों का पूजन किया और सारा पूजन वह अपने पत्नी के साथ मिलकर पूरी विधि विधान से किया और उसका पुण्य अपने माता पिता को इसके पश्चात उनके माता-पिता की मुक्ति हो पाई,

Rishi Panchami Puja – पूजन विधि

Rishi Panchami 2022 : प्रातः काल नदी में स्नान किया जाता है स्नान करके स्वस्थ वस्त्रों को धारण किया जाता है और अपने घर में दरवाजे पर जो भूमि होगी उस पर चौक बनाया जाता है एवं सप्त ऋषि यों की स्थापना करनी चाहिए श्रद्धा पूर्वक सुगंध पुष्प धूप दीप वह दिन आदि का सप्तर्षियों को समर्पण किया जाता है बिना जो तू ही भूमि से उत्पन्न फौलादी का सेवन किया जाता है और शाकाहारी भोजन करनी चाहिए |

Rishi Panchami कब है 2024 में

इस साल ऋषि पंचमी रविवार, सितम्बर 8, 2024 के दिन मनाई जाएगी।

ऋषि पंचमी व्रत के नियम

Rishi Panchami 2024 : इस व्रत में एक बार ही भोजन किया जाता है जिसमें मोर कंद कद्दू मूल का आहार एवं टीना का चावल खाया जाता है वह भी चावल ऐसा होता है जिस खेत में कभी हल्की जुताई 9 की हुई हो उसी खेत में वह टीना का चार्ट आप क्या हो जैसे कि पोखरी तालाब में पढ़ने वाली कोई भी चीज हो जो खाने योग्य हो उसे ही खाया जाता है |

उस दिन ब्रह्मचर्य का भी पालन करना चाहिए ऋषि पंचमी के दिन व्रत धारी महिलाओं को सप्त ऋषि यों का पूजन किया जाता है एवं दान भी दिया जाता है मान्यता यह भी है कि इस दिन कोई भी चीज मांगने पर बहुत जल्दी प्राप्ति होती है|

ऋषि पंचमी का महत्व

ऋषि पंचमी व्रत का जीवन में क्या है महत्व

इस व्रत की महत्व है कि अनजाने में किया गया कोई भी बात जो आपने नहीं किया हो जाने अनजाने में हो गया हो वह पाप को भी घटित हो जाती है |

Rishi Panchami – महत्वपूर्ण लिंक देखें

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