Supertech Twin Towers Demolition 2022: नोएडा के ट्विन टॉवर गिराए जाने के प्रमुख कारण

Supertech Twin Towers Demolition: नोएडा -93 में स्थित सुपरटेक ट्विन टावर (Supertech Twin Towers) के नाम से मशहूर ऊंची इमारतों को गिराने का उल्टा गिनती चालू हो गया है तकरीबन 17 से 18 करोड़ खर्च के बाद भी इस टावर को गिराया जा रहा ह | 32 साल पहले आर के अरोड़ा ना एक मशहूर नेता ने ऐतिहासिक परियोजना बनाने के लिए एक रियल स्टेट कंपनी एक्टव्हील्स की,इस रियल स्टेट कंपनी के निर्माण संग्रह में होटल और विश्वविद्यालय हायर कंपनी ने अपने कंट्रक्शन मैं लेटेस्ट तकनीक का उपयोग करने का दावा किया है|




Supertech Twin Towers Demolition
Supertech Twin Towers Demolition 2022: नोएडा के ट्विन टॉवर गिराए जाने के प्रमुख कारण 3

Supertech Twin Towers Demolition

Supertech Twin Towers Demolition, सुपरटेक लिमिटेड ने नवंबर 2004 में एक भूखंड की मंजूरी के बाद एम-राल्ड कोर्ट नाम से एक ग्रुप हाउसिंग सोसाइटी का निर्माण शुरू किया, न्यू ओखला औद्योगिक विकास क्षेत्र भवन नियमों और निर्देशों के तहत स्वीकृत प्रारंभिक योजना 14 टावरों के लिए थी,

,2006 में सुपरटेक लिमिटेड ने एक दूसरी जमीन पट्टे पर दी पिछली योजना में भवन टावर “t1” के पास उधान की स्वीकृति मिली थी, दूसरी स्वीकृति में दो टावर और उसे स्वीकृति किए गए यह T-16 और T-17 apex और ceyane कुख्यात सुपरटेक ट्विन टावर हैं|

नोएडा के ट्विन टावर, सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार जांच में पाया गया कि सुपरटेक इन टावरों को बनाने में कई नियम और शर्तों को जमकर उल्लंघन किया गया था, इससे ट्विन टावर (Supertech Twin Towers) का निर्माण 2009- मैं शुरू किया गया था | Supertech Twin Towers Demolition अभी तक इस टावर में कुल 950 से ज्यादा फ्लैट बन कर तैयार हो चुके थे, हालांकि कई खरीदारों द्वारा यह आरोप भी लगाया जाता जाता रहा है कि बिल्डिंग के प्लान कई बार काफी बदलाव किया गया बदलाव के इसी कारणों की वजह से खरीददारों ने 2012 में इलाहाबाद हाईकोर्ट चले गए थे,




आंकड़ों के माने तो इनमें लगभग 635- व्यक्तियों द्वारा फ्लैट का बुकिंग कराया गया था इनमें 245 लोगों ने रिफंड के लिए और करीब तक-रीबन खरीदारों के प्रत्यारोप लगाने के बावजूद 253 ऐसे व्यक्ति भी हैं जिन्होंने 9 तो रिफंड लिया और ना ही उन्हें किसी दूसरे प्रोजेक्ट में शिफ्ट किया गया इसका मतलब कि उनका निवेश इस प्रोजेक्ट में बना ही बना रहा गया|

साल 2014 में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने (Supertech Twin Towers Demolition) को अवैध घोषित करते हुए उन्हें गिराने के आदेश दे दिया था, सुप्रीम कोर्ट द्वारा कहा गया नोएडा प्राधिकरण को भी जोरदार झटका लग सकता है, मामला सुप्रीम कोर्ट से हटकर इलाहाबाद हाई कोर्ट चला गया

सुप्रीम कोर्ट में लगातार 7 साल चली सुनवाई Supertech Twin Towers Demolition

Supertech Twin Towers Demolition, हाईकोर्ट के इस फैसले के बाद लोगों द्वारा सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में सुनवाई करते-करते तकरीबन साल तक लग गया 31 अगस्त 2021 को सुप्रीम कोर्ट ने रेजिडेंस फैसला सुनाया और सुपरटेक को जबरदस्त झटका दिया सुप्रीम कोर्ट द्वारा अपने आदेश में कहा गया कि 3 महीने दोनों टावरों को ध्वस्त कर दिया जाए |

नोएडा के ट्विन टावर, उस समय इस टावर को गिराना इतना संभव नहीं था बाद में उसे डेट को बदलकर 22 मई 2022 को कर दिया गया, हालांकि अभी भी तैयारियों को पूरा नहीं कर पाने के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने टावर गिराने वाली कंपनी को 3 महीने का समय दिया है सुप्रीम कोर्ट के मुताबिक इन टावरों को 21 अगस्त 2022 को गिराया जाना था लेकिन टावर गिराने वाली कंपनी एडिफिस इंजीनियरिंग को एनओसी ना मिलने का टावर अभी भी बरकरार है कंपनी द्वारा 28 अगस्त 2022 को टावर गिराए जाने का दावा किया गया है|

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