The family lived with the dead body for 17 months :-यह मामला कानपुर का है विमलेश नाम का एक व्यक्ति जो इनकम टैक्स अधिकारी के तौर पर नियुक्त थे | 17 महीने पूर्व उनकी मृत्यु हो चुकी थी | कोरोनावायरस के दौरान ही उनकी डेथ सर्टिफिकेट डॉक्टर द्वारा जारी कर दिया गया था |
फैमिली को यह लगा कि डॉक्टर द्वारा जो डेट सर्टिफिकेट है वह गलत है | फैमिली वालों को यह लगा कि विमलेश अभी जिंदा है | और उसकी बाजू की कलाई वाली नस में कुछ हल-चल हो रही है |
एवं उनका दिल का धड़कन धीरे-धीरे धड़क रहा इसे जीवित मानकर और परिवार द्वारा यह भी सोचा गया कि हो सकता है कि, विमलेश कोमा में चला गया हो और उसकी सेवा भाव एक जीवित इंसान की तरह होती रहती है |
एवं उनके परिवार द्वारा सारा कार्य जैसे सभी लोगों के घर नॉर्मल होता है वैसे होते रहता है | और सारी प्रक्रिया सुचारू रूप से चलती रहती है | विमलेश की पत्नी मिताली द्वारा जो कि एक बैंक में कार्यरत हैं वह भी ड्यूटी समय से आती जाति और किसी को यह मालूम नहीं था की इनकी देर हो चुकी है |
विमलेश की पत्नी मिताली द्वारा पुलिस को सच्चाई बताई गई
The family lived with the dead body for 17 months :-मिताली ने कहा कि मुझे पता था कि मेरे पति मर चुके हैं और मैं विधवा हो चुकी हूं लेकिन मैं क्या करती हूं विमलेश की माता और उनके पिता एवं उनके पिता द्वारा विमलेश के सीने की धड़कन सुनाई देती थी यही भरोसा ने मुझे मजबूत कर दिया और मैं जानबूझकर भी अनजान बनी रही हम अभी मजबूरन क्या करते हैं |
मैं डायरेक्ट कभी नहीं सकती थी उनका बेटा मर चुका है | तो मैं उनके सामने सुहाग होने का नाटक करती रही धीरे-धीरे समय गुजर मिताली ने पुलिस से भी कहा कि सोचिए मैं सब कुछ जानते हुए भी सुहागन के तौर पर प्रतिदिन सिंदूर लगाती रही |
मैं कितनी बार सिंदूर लगाते वक्त मरी होंगी, यह सोच कर कि मेरे पति मर चुके हैं | फिर भी मैं सुहागन का ढोंग कर रही हूं, उनके बच्चे भी कहते थे पापा को उठाओ यह बात सुनकर मिताली घर के किसी कोने में जाकर अपनी आंसुओं को छुपा करो लेती थी |
kanpur news :- लेकिन पुलिस तो कई पहलुओं पर जांच करती है, पुलिस को मिताली ने यह भी बताया कि मैंने यह जानबूझकर गुनाह नहीं किया एक-दो माह तक नहीं बल्कि 17 माह तक इस चीज को छुपाने के लिए मैं कई बार मरी हूं, मैं दुनिया को विमलेश की मौत के बारे में छुपाई आखिर क्यों ? क्या कोई लालच था
इसमें पुलिस अफसर ने पूछा, मिताली ने कहा नहीं आपका ऐसा क्लेम मेरे प्रति निकाल के दिखाइए जैसे कि विमलेश की तनख्वाह मैंने ली हो, मेडिकल, या किसी तरह की क्लेम, एलआईसी “LIC” किसी भी तरह की इनकी जमा पूंजी के लिए मैंने फार्म को भरा हो पैसे के चक्कर में किया हो |
The family lived with the dead body for 17 months :- पुलिस रिपोर्ट मैं साफ हो चुका है कि, इस परिवार ने ऐसा कोई क्लेम नहीं, किया था | जिससे कि साफ हो जाएगी यह फैमिली द्वारा रची एक षड्यंत्र है | और विमलेश की एलआईसी “LIC” या फिर अन्य प्रकार की पैसे क्लेम करने की एक तरीका थी |
आनंद कमिश्नर का कहना है कि, मिताली समेत पूरे परिवार का बयान दर्ज करने के बाद तथ्यों की जांच से यह पता विमलेश की मौत के बाद परिवार काफी तरह से टूट चुका था | और इसी को छुपाए रखने के लिए मिताली ने यह सब करती रही |
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